
सारंगढ़ वर्षो पुरानी गढ़ विच्छेदन प्रथा जिसका आयोजन राज परिवार द्वारा किया जाता है का आज फिर से आयोजन किया गया था जहा जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा चाक चौबंद व्यवस्था किया गया था ,इस प्रथा में एक गढ़ बना होता है जिसके ऊपर वोलेंटियर होते हैं तथा यह गढ़ नीचे की और चौड़ा होता जाता है व इसके बीच में सर्कल बना होता है जिसके बीच से प्रतिभागियों को ऊपर चढ़ना होता है ये प्रतिभागी ऊपर जाने के लिए एक दूसरे की टांग खींचते है और ऊपर के वोलेंटियर गलत ढंग से ऊपर चड़ने वालो को रोकते है तथा इसी कारण कई प्रतिभागी नीचे के गड्ढे जिसमें पानी भरा होता है उसमें गिर जाते हैं।यह गढ़ प्रथा सबको एक दूसरे की टांग न खींचने की सिख देता है परंतु इस सिख को लगता है की सारंगढ़वाशी ग्रहण नहीं कर पा रहे हैं और सभी वर्गो में एक दूसरे की टांग खिंचाई की प्रथा आज भी नजर आती है।बहरहाल आज का गढ़ विच्छेदन अजय 7नंबर ने जीता जिसे गढ़ के बगल में बने रावण दहन का अवसर व विजेता के रूप में धोती और नगद राशि का पुरुस्कार मिला।